TY - BOOK AU - रत्ना कृष्णा TI - Kashmiri nirgun sant- kavya durshan aur bhakti U1 - 891.431 PY - 1977/// PB - Saradha Prakashan KW - East Indo-European And Celtic Literaturesपदय शरण कब दोगो, वासताके दल दल में थे शरद की रात रूपे अहम के हास्ती विजय कथ संदेशा रे जरा बतेजे सिरजनहार पहले तो आँज लिया, जन तक प्यार नहीं है अंग अंग पर श्याम रे ER -