David Mary T

Crime and punishment - London Konark Publishers P. Ltd. 1993 - 166P, 18CM


English Fictionभक्ति काव्य और हिन्दी आलोचना, कृष्णकथा की परंपरा और सूरसागर, चरित्रबोध का स्वरूप, प्रेम की काव्यानुभूति, सूरदास की भक्ति भावना, भक्ति का विकास वल्लभ संप्रदाय और सूर का काव्य, दार्शनिक पूष्टिभ

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