मातुर जगदिषचन्द्र

Konark कोणार्क - Oxford Radhakrishna Prakashan 1993 - P 103 21 CM

81 7119 094 4


Generalजैनेन्द्र कुमार, अज्ञàय, इलाचन्द्र जोशी, अन्द्रनाथ अस्क, यशपाल, कहानि शिल्पविघि मá प्रयोगशिलता, कहानि कà शिल्पविकास कि मान्यता, सम्पुर्ण कहानि कि मान्यता, नयी कहानि का आगमन , नई कहानि, दिशा अघ्यायन्

891.432 / MAT-K